IPS Amit Tolani’s 2nd Inspirational Script, Only Available On IASmind

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Importance of Test Solving

आईपीएस अमित तोलानी (आईएएस रैंक 151): परीक्षा हो या जीवन हो एक चीज़ बहुत महत्वपूर्ण होती है की हमें गलतियां जल्द से जल्द पता लगे और उनपर हम कार्य करें साथ ही उन गलतियों को सुधारें ताकि हम सफलता की तरफ जल्दी अग्रसर हो पायें नहीं तोह हम अपनी गलतियों को दोहराते रहेंगे और बार-2 फ़ैल होते रहेंगे इसलिए जरूरी है की हमें हमारी कमजोरियां पता चलनी चाहये और हम उसपर कार्य करें जिस प्रकार मेरे प्रिपरेशन के दौरान मैं हल किया करता था। जैसे, भूगोल पढ़ लिया मैने- मानसून वाला अभ्यास हो गया लेकिन जब मैं प्रश्न हल करता था तोह गलतियाँ का मुझे एहसास होता था कि “Conceptual Clearity” नहीं है इसलिए गलती हो रही है। इसी प्रकार जब मैं पोलिटी से प्रश्न हल करता था तोह एहसास होता था कि “Sufficient Revision” नहीं हुआ इसलिए मेरा प्रश्न गलत हो रहा है फिर मैने Revision पर ध्यान केन्द्रित किया। अतः यह गलतियाँ टेस्ट सोल्व करने से पता चलता है। दूसरा यह की हम जमीन पर रहते हैं “Over Confident” नहीं होते।

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अगर किताबें 1-2 बार ख़त्म होने के बाद भी प्रश्न गलत होते हैं मतलब जब हम प्रश्न सोल्व करते हैं तभी हमें पता चलता है की हम कितने पानी में हैं। कई बार सवाल रिपीट होते हैं जिसमें आप देखोगे की कला एवं संस्कृति के सवाल रिपीट होते हैं, कई बार हमें पैटर्न पता चलता है की हमें कहाँ ज्यादा फोकस करना है। आप देखोगे की पोलिटि में पार्लियामेंट पर सबसे ज्यादा सवाल है या फिर ‘Schedule’ पर ज्यादा सवाल है या मूल अधिकार पर ज्यादा सवाल है।

कहने का तात्पर्य यह है की हमें यह पता चलता है की किस एरिया पर ज्यादा फोकस करना है। इस विडियो में हमें यह गलतियाँ पता चलती है ताकि उस पर जल्दी-2 सुधार करें। हम overconfident नहीं रहते, सवाल रिपीट होते हैं तोह हमें कई एरिया का पता चलता है अतः आप ‘टेस्ट’ हमेशा सोल्व करें।

कैसे करें

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कार्यान्वयन की अपनी-2 रणनीति होती है लेकिन मैने क्या किया वो बता सकता हूँ। यह मेरा निजी विस्वास है की ‘इनसाइट इंडिया’ के पेपर आज भी क्वालिटी वाइज ज्यादा अच्छे हैं क्यूंकि उनमे प्रश्न कर्रेंट और विषय से भी होते हैं और मॉडल आंसर भी उनके काफी अच्छे होते हैं + 15 ईयर का क्वेश्चन पेपर भी सोल्व करना चाहये।

मैं एक टाइम में 10-15 सवाल ही करता था ताकि कम सवाल हो लेकिन अच्छे से हो। आप 10 सवाल उठाये और 1 खाली पेज लीजिये और उस पेज पर 1-10 लिख कर सुसज्जित करें ताकि उसके साथ आप विकल्प लिखें. प्रश्न के ऊपर उत्तर न करें ताकि हमें सही उत्तर मालूम न चल सके की उत्तर क्या है क्यूंकि गलतियाँ हम दोहराते भी हैं. 10 प्रश्न एक समय कीजिये. जिस भी सवाल में आपने गलती की है उस प्रश्न को आप ‘रेड मार्क’ करके रखये ताकि हम आगे उसको ‘Revise’ करें और अपनी गलतियों को न दोहराएँ।

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अगले दिन जैसे ही हम शुरुआत करें तोह अपनी पिछली गलतियों का ‘Revision’  करें उसके उत्तर को एक बार फिर से देखें ताकि जहाँ हमने गलती की थी वो गलती भर/दूर हो जाये और वापस वो गलती न हो. ऐसा अगर हम रोज़ करते रहेंगे 10-15 सवाल तोह धीरे-2 आदत बन जाएगी और दिन में आप 10-15 सवाल के 2-3 सेशन लेंगे।(सुबह, दोपहर और शाम)।

ऐसे में रोज 40-50 सवाल होते रहेंगे आपके। और विश्वास करें की अगर ऐसा कंसिस्टेंसी रहा तोह इस 10 प्रश्न का महत्वता है क्यूंकि हम इसको अच्छे से पढ़ते हैं अगर 100 प्रश्न करेंगे तोह हिम्मत ही नहीं बचती लेकिन उपरोक्त तरीका से धीरे-2 फ्रीक्वेंसी बड़ेगी और इसका बहुत ज्यादा फायदा होगा और जंहा हमें फोकस करना है वो एरिया पकर में आयेगी और आपकी तैयारी सही रोड पर जाएगी। अतः आप मेरी रणनीति फोलो करें या न करें लेकिन टेस्ट प्रश्न जरुर हल करें। धन्यवाद।  

(The first script of his exclusive video only published by our site and second video script also we are going to First Published here (First post on IASmind.com). Added, Founder and CEO of IASmind, Trilok Singh. IPS Tolani said that, Weather you follow or not follow my strategy you should solves ‘test questions’ and it is essential for all type of exams. You may download his both script in the following PDF link, DOWNLOAD IN PDF, TWO INSPIRATIONAL SCRIPTS OF IPS AMIT TOLANI NOW AVAILABLE ON IASMIND.COM).

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IPS Amit Tolani’s First Inspirational Hindi Exclusive Video Script, First Published by IASmind.com on March 18, 2017


मार्च 18, 2017, नमस्ते, मैं आईपीएस, अमित तोलानी; मेरा यंहा आने का उद्देश्य ही यही है की This is my last attempt (6th Attempt) और यही मैं सोचता रहता था कि “is it worth it?” इतना समय लग गया मतलब इतना समय नहीं लगना चाहये था तोह, is it worth it or not? लेकिन पास होने के बाद लगता है की हां बिलकुल वर्थ है और जो ख़ुशी मिलती है, जो “Recognition” मिलता है और सबसे बड़ी बात जो हम करना चाहते हैं वो इच्छा पूरी हो जाती है।

लेकिन क्या इतना समय लगना चाहये मेरे हिसाब से इससे कम समय में किया जा सकता है काफी सारे मेरे दोस्त हैं जिन्होने 1st attempt में पास किये हैं, 2nd, 3rd attempts में भी पास किये हैं लेकिन उनकी पढ़ाई सिर्फ 1 साल की नहीं है जो फर्स्ट एटेम्पट में पास किये हैं वो ज्यादातर वे हिडेन रहते हैं (मतलब, 12th से ही स्टार्ट कर देते हैं या ग्रेजुएशन से, तोह बच्चों को काफी बार लगता है 1st एटेम्पट में क्लियर कर  दिया, यह तोह सुपरमेन है लेकिन ऐसा होता है की उन्होने भी मेहनत की है 3-4 सालों वाली लेकिन जो अवेयरनेस रहती है वो उनको थोड़ी पहले से रहती है और सामान्य रूप से स्नातक करने के बाद विद्यार्थियों को पता नहीं रहता है की सिविल सेवा क्या है? और स्नातक के बाद यह सब शुरु होता है जिसके कारण समय ज्यादा लग जाता है..

अत: मेरा उद्देश्य यंहा आने का यही था की जो भी बच्चें एग्जाम दे रहे हैं उनको पता हो की केसे इस एग्जाम को पास किया जाये? जो गलतियाँ मैंने करी या मेरी तरह मेरे दोस्तों ने करी जिनको पास करने में ज्यादा समय लग गया था और जो वाके में टोपर जो 1st and 2nd एटेम्पट में फटाफट क्लियर हो जाते हैं उनकी अनुभव शेयर करूंगा में यंहा और मुझे विश्वास है की उसका बहुत ज्यादा लाभ होगा आप सब।

मुझे लगता है की जो PT, MAINS and INTERVIEW है उनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण PT है मेरे हिसाब से PT में सबसे ज्यादा प्रतियोगिता है e.g. लगभग 10 लाख रजिस्टर्ड करते हैं उनमें से 5 लाख एग्जाम देने आते हैं और लगभग 5 लाख में से 20 हज़ार सेलेक्ट होते हैं ठीक इसी तरह मैन्स लिखने के लिए 20 हजार में से लगभग 3 हज़ार सेलेक्ट होते हैं और फाइनल लिस्ट में अप्रोक्स 1000 आते हैं।

तोह, आप खुद हिसाब लगा लीजये 25 में से 1 बच्चा, २०००० में से 3, 7 में से “1” बच्चा.. फिर इंटरव्यू में 3 में से 1… लेकिन PT में बहुत कम चांसेस होते हैं इसलिए PT ज्यादा महत्वपूर्ण है।

PT में जब बच्चा फ़ैल हो जाता है तोह पूरा एक साल लगता है अगला PT आने में लेकिन अगर इसमें पास हो गये तोह जल्द 3-4 महिनों में मैन्स आती है और फिर इंटरव्यू आ जाती है मतलब पूरा एक साल की प्रोसेस निरंतर चलती रहती है तोह स्टूडेंट्स की स्टडी भी चलती रहती है लेकिन जब वे PT में फ़ैल हो जाते हैं तोह इसमें स्टडी छुट जाती है या प्रोसेस से बाहर आते हो तोह वापस प्रोसेस से बाहर आने में समय लगता है।

अतः मेरा पूरा फोकस यही रहेगा की आप किरपिया कर के PT पर ज्यादा फोकस रहिये मैन्स के लिए न्यूज़ पेपर्स बहुत महत्वपूर्ण है. मैन्स में जब हम उत्तर लिखते हैं e.g. ESSAY का पेपर है तोह किसी ने नेवसपपेर नही भी पढा होगा लेकिन उनकी सोच, विचार अच्छी होगी तोह वो कुछ न कुछ अच्छा ही लिख कर आयेगा। वैसे ही एथिक्स के पेपर में लिख कर आयेगा इसी तरह पेपर 2&3 में भी अगर शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से सम्बंधित कोई सवाल आता है तोह आप जरुर कुछ न कुछ लिख कर आयेंगे।

लेकिन मुद्दा यह होता है की PT में आपको “Options” दी जाती है इसमें या तोह आपको वो “Options” आ रही है या तोह नहीँ आ रही है.. तोह वंहा पर कठिनाई ज्यादा बढ़ जाती है स्टूडेंट्स को लगता है की PT ज्यादा आसान है और “मैन्स” ज्यादा मुश्किल परिणामस्वरूप वो “राइटिंग प्रैक्टिस” में ज्यादा समय लगा देते हैं…याद रहे अगर PT पास ही नहीं होगा तोह आप क्या कर लेंगे उस “राइटिंग प्रैक्टिस” का।

इसलिए पूरा फोकस आप सभी PT पर पहले कीजये 5 महीनों से ज्यादा का समय इसमें नहीं लगता जिससे की आप सिक्योर हो जाएंगे की हम PT पास हो रहे हैं और पक्का मैन्स लिख रहे हैं।

PT, इसमें 2 बातें बहुत मायने रखती है. 1 कम से कम 5 सब्जेक्टस पर ज्यादा ध्यान रखें और 2. टेस्ट सीरीज अच्छे से करें.. में यंहा एक उदाहरण देता हूँ, “एकलव्य” और “अर्जुन” की कहानी आपलोगों को याद होगी पहले “गरुकुल” थी जंहा “कैंडल/लालटेन” जलती थी जंहा सब खाना खा रहे थे तोह तभी तेज हवा आयी जिससे की केंडल बुझ गया और “अंधेरा” हो गया पर स्टूडेंट्स खाना खाने में लगे ही रहे और जब तक गुरु द्रोणाचार्य ने केंडल/लालटेन जलाई तब तक स्टूडेंट्स खाना खा चुके थे…तोह अर्जुन ने फील किया की यार स्टूडेंट्स ने अंधेरों में भी खाना खा लिया लेकिन जो प्लेट (पहले बनाना पत्ते की प्लेट होती थी), थी उसमें से किसी ने भी खाना बाहर नहीं गिराया।

तोह, अर्जुन ने गुरु द्रोणाचार्य से पूछा की यह केसे हो गया? तोह गुरु ने बताया की आप रोज खाना खाते हो उसी प्लेट्स में तोह आपने उसकी “प्रक्टिस” इतनी बारी कर लिया की आप यह कार्य आंखे बंद कर के भी कर सकते हो लाइट हो या न हो।

यह उदाहरण देने का तात्पर्य यह है की PT हो या “मैन्स” हो खासकर “निरंतर अभ्यास” चाहये जिससे की जैसे ही आपके सामने “Options” दिखें उसमें हमें  “Options” देखकर तुरंत समझ (सही/गलत), में आ जाएँ यह तभी होगा जब हम बार-बार अभ्यास करेंगे।

एकलव्य की कहानी भी कुछ इसी प्रकार है जब द्रोणाचार्य के स्कूल में उसको एडमिशन नही मिला तोह वो “सेल्फ स्टडी” की घर में ही, जंगलों में खुद से ही तीर चलाए.. यंहा यह बोलने का तात्पर्य यह है की इस आईएस एग्जाम के लिए “सेल्फ स्टडी” बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है…हम सिर्फ आपको गाइड कर सकते हैं आपको खुद ही पढ़ना पड़ेगा घर, लाइब्रेरी में….अतः सेल्फ स्टडी भी महत्वपूर्ण है।

PT का अध्ययन 5 सब्जेक्ट जरुर पढ़ें;

आईपीएस, अमित तोलानी; 5 सब्जेक्ट जरुर पढ़ें ताकि ऐसा न हो की जो बंकि लोगों को उत्तर आ रहा है वो हमें नहीं आ रहा अगर ऐसा होगा तोह पक्का हम फ़ैल होंगे..ऐसा होता है की कुछ प्रश्न ज्यादा मुश्किल होता है जो सबको नहीं आता लेकिन ऐसा नहीं होना चाहये की जो सबको आ रहा हो वो हमको नहीं आ रहा है?

  1. Polity : लक्ष्मीकांत (Specially, table), 10-18 Questions..
  2. Modern History: Spectrum and NCERT
  3. Environment : 12th, NCERT, ICESE (9th&10th), Current through the news papers…
  4. Geography: 6th to 12th NCERT, MAPs…
  5. Economics : Book written by Sankar Ganesh, IRS Officer..

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UPSC Preliminary Examinations and General Studies Main’s (RESOURCES)

Hindi Medium Portal for upsc (Resources), सामान्य अध्ययन (GS) हिंदी माध्यम में…

Written and Published by the Founder and CEO of IASmind, Trilok Singh.

PUBLISHED OF IPS TOLANI ON 12 December 2017
PDF links, SCRIPTS OF IPS AMIT TOLANI ON IASMIND.COM

Thank’s

Best Regard
Trilok Singh.

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